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Published : April 27, 2014 |
Author : पवित्रा रार्इ
Category : Lyrics / गीत/गजल | Views
: 1736 | Unrated
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जल्छौ कि कही आफ्नै कसमले
गल्छौ कि कही आफ्नै कसमले
खुशीहरू रित्तिए घात गर्यो जब
बल्छौ कि कही आफ्नै कसमले
डुब्दैछ घाम छाडि गोधुली साँझ
छल्छौ कि कही आफ्नै कसमले
बालुवाको घर जस्तै रैछ भरोसा
ढल्छौ कि कही आफ्नै कसमले ।
ओखल्ढुङ्गा |
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जल्छौ कि कही आफ्नै कसमले
गल्छौ कि कही आफ्नै कसमले
खुशीहरू रित्तिए घात गर्यो जब
बल्छौ कि कही आफ्नै कसमले
डुब्दैछ घाम छाडि गोधुली साँझ
छल्छौ कि कही आफ्नै कसमले |
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